छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 नवंबर, 2024 (मंगलवार) को Chhattisgarh Rajya Alankaran Puraskar 2024 की घोषणा की। इस साल सरकार ने 36 अलग-अलग क्षेत्रों में पुरस्कार देने का ऐलान किया जिन्हें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाथों 6 नवंबर, 2024 को सम्मानित किया गया ।
छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार 2024 लिस्ट
1. चक्रधर सम्मान (शास्त्रीय संगीत और नृत्य) : पं. सुधाकर रामभाऊ शेवलीकर, जिला दुर्ग
2. दाऊ मंदराजी सम्मान (लोक नृत्य और लोक शिल्प) : श्री पंडिराम मरकाम, जिला नारायणपुर
3. डॉ. खूबचंद बखेल कृषि रत्न पुरस्कार (कृषि) : श्री शिवकुमार चंद्रवंशी – कबीरधाम, श्री खेमराज पटेल – बिलाईगढ़
4. महाराजा अग्रसेन सम्मान (सामाजिक समरसता) : श्री शिवराम अग्रवाल, जिला रायपुर
5. चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार (प्रिंट मीडिया – हिंदी) : श्री भोला राम सिंहा, दैनिक नवभारत, जिला रायपुर
6. चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया – हिंदी) : श्री मोहन तिवारी, न्यूज़ 24 चैनल, जिला रायपुर
7. शहीद वीरनारायण सिंह स्मृति सम्मान (आदिवासी समाज और संस्कृति के उत्थान के लिए) : श्री बटलु राम माथला, जिला नारायणपुर
8. यति यतनलाललाल सम्मान (अहिंसा और गौ रक्षा) : मनोहर गौशाला, खैरागढ़
9. गुण्डाधुर सम्मान (खेल – पैरा एथलेटिक्स) : सुश्री छोटी महेरा, जिला कबीरधाम
10. मिनीमाता सम्मान (महिला और जनजातीय उत्थान) : सतनामी महिला जागृति समिति, जिला दुर्ग
11. गुरु घासीदास सम्मान (सामाजिक जागरूकता और दलित उत्थान) : श्री राजेन्द्र रंगीला (राजेन्द्र गिलहरे), जिला रायपुर
12. ठा. प्यारेलाल सिंह पुरस्कार (सहकारिता) : श्री शशिकांत द्विवेदी, जिला राजनांदगांव
13. महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव पुरस्कार (खेल – तीरंदाजी) : विकाश कुमार, जिला बिलासपुर
14. पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान (सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक) : अखिल भारतीय वनवासी समाज कल्याण आश्रम, जिला रायपुर
15. पं. सुंदरलाल शर्मा सम्मान (हिंदी साहित्य) : डॉ. सत्यभामा आडिल, जिला रायपुर
16. धन्वंतरि सम्मान (आयुर्वेदिक शिक्षा और शोध) : डॉ. मनोहर लाल लहेजा, जिला रायपुर
17. श्रीमती बिलासबाई केवट मत्स्य विकास पुरस्कार (मछली पालन) : श्रीमती विनोद दास, जिला रायपुर
18. डॉ. शंकरराव पोते आदिवासी सेवा सम्मान (आदिवासी सेवा और उत्थान) : छत्तीसगढ़ आदिवासी कल्याण संस्थान, जिला रायपुर
19. मधुकर खेर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार (प्रिंट मीडिया – अंग्रेजी) : श्री मुकेश एस सिंह, जिला रायपुर
20. दानवीर भामा साह सम्मान (दान, सहयोग और अनुकरणीय सहकारिता) : श्री सुभाष चंद्र अग्रवाल, जिला रायपुर
21. किशोर साहू राष्ट्रीय अलंकार पुरस्कार (साहित्यिक सिनेमा में निर्देशन) : श्री सतीश जैन, जिला रायपुर
22. बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल सम्मान (विधि) : श्री सुरेंद्र तिवारी, जिला बिलासपुर; श्री प्रकाश चंद्र पंत, जिला उत्तर बस्तर कोंडागांव
23. वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी स्मृति पुरस्कार (महिलाओं में वीरता, साहस और आत्मबल) : श्रीमती अदिति कश्यप, जिला कबीरधाम
24. माता बहादुर कलारीन सम्मान (महिला उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष, नारी उत्थान) : कुमारी चित्ररेखा सिंहा, जिला दुर्ग
25. पं. माधव राव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान (स्वतंत्रता लेखक और हिंदी भाषा) : श्री अजय जैन, नई दिल्ली
26. स्व. बिसाहूदास महंत सर्वश्रेष्ठ बुनकर सम्मान (बुनकर) : श्री पन्नालाल देवांगन – सक्ती, श्री बहोरीलाल देवांगन – सक्ती
27. राजराजेश्वरी करुणामाता हथकरघा प्रोत्साहन पुरस्कार (बुनकर) : श्री सत्यनारायण देवांगन, जिला सक्ती; श्री अरुण मेहर, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़
28. स्व. महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव स्मृति श्रम यशस्वी पुरस्कार (श्रम) : श्री सुरेंद्र कुमार राठौर, शोभा सिंह, ललित कुमार नायक
29. पं. लक्ष्मीनारायण मिश्र राष्ट्र अभिषेक सम्मान (पुलिस) : श्री रामनेयश यादव, जिला बिलासपुर
30. छत्तीसगढ़ प्रवासी भारतीय सम्मान (विदेश में भारतीय द्वारा सामाजिक कार्य) : श्री आनंद कुमार पांडे, न्यूयॉर्क
31. देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार (लोक कला) : श्री भगत गुलेरी, पामगढ़, जांजगीर-चाम्पा
32. किशोर साहू सम्मान (साहित्यिक सिनेमा में योगदान) : श्री प्रकाश अवस्थी, जिला रायपुर
33. देवदास बंजारे स्मृति छत्तीसगढ़ी लोकगीत नृत्य पुरस्कार (लोक नृत्य) : श्री साधेलाल रात्रे, जिला मुंगेली
34.लक्ष्मण मस्तुरिया सम्मान (छत्तीसगढ़ी लोकगीत) : श्रीमती निर्मला ठाकुर, जिला रायपुर
35. खुमान साव सम्मान (छत्तीसगढ़ी लोक संगीत) : श्री दुश्यंत कुमार हरमुख, जिला दुर्ग
36. लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार (आंचलिक साहित्य और लोक कविता) : डॉ. पी.सी. लाल यादव, जिला दुर्ग
मिनीमाता सम्मान
मिनीमाता का जन्म 1913 में असम के नुवागांव जिले के जमुनामुख गांव में हुआ था। उनकी माता का नाम मतीबाई था। मिनीमाता को असमिया, अंग्रेजी, बांगला, हिंदी और छत्तीसगढ़ी भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने अपने समाज की गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ापन दूर करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। 1952 से 1972 तक उन्होंने सारंगढ़, जांजगीर और महासमुंद क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया। मिनीमाता कोमल हृदय की ममतामयी महिला, कुशल गृहिणी, जागरूक सांसद और मेहनती समाज सेविका थीं। 11 अगस्त 1972 को, भोपाल से दिल्ली जाते समय पालम हवाई अड्डे के पास विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया।
डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार
डॉ. खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 19 जुलाई 1900 को रायपुर के पथरी गांव में हुआ था। उन्होंने नागपुर से डॉक्टरी की पढ़ाई की और एल. एम. पी. की डिग्री प्राप्त की। वे एक कुशल डॉक्टर थे और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण समाज के लिए उनकी गहरी लगन थी। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल होकर उन्होंने वन कानून तोड़ा और सत्याग्रहियों का नेतृत्व किया। सरकारी नौकरी में रहते हुए भी उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कूदने का साहस दिखाया और 1931 में सरकारी नौकरी छोड़ दी।
दाऊ दुलार सिंह मंदराजी सम्मान
दाऊ दुलार सिंह मंदराजी का जन्म 1 अप्रैल 1910 को रखेली गांव के एक संपन्न जमींदार परिवार में हुआ था। उन्हें बचपन से ही गीत और नृत्य का विशेष शौक था। उन्होंने नाचा कला को विकृति से बचाने और इसे निखारने का संकल्प लिया। उन्होंने खेरी गांव से मंचीय प्रदर्शन की शुरुआत की। नाचा के माध्यम से उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को जीवित रखने और उसे संजोने के लिए अपना तन-मन-धन समर्पित कर दिया। 1984 में उनका निधन हो गया। उनकी स्मृति में छत्तीसगढ़ सरकार ने लोक कला और शिल्प के लिए “दाऊ मंदराजी सम्मान” की स्थापना की है।
गुण्डाधूर सम्मान
गुण्डाधूर का जन्म बस्तर के नेततर गांव में हुआ था। धूर्व जाति का यह साहसी युवक 1910 के जनजातीय विद्रोह का मुख्य नेता था। उस समय अंग्रेजों के कठोर शासन के खिलाफ यह विद्रोह बस्तर में एक बड़े आंदोलन की तरह उभरा। 1 फरवरी, 1910 को पूरे बस्तर में यह विद्रोह भड़का, जिसमें गुण्डाधूर ने अपनी अद्वितीय बहादुरी और रणनीति का प्रदर्शन किया। वे गुरिल्ला युद्ध की अच्छी समझ रखने वाले देशभक्त थे और जनजातियों के पारंपरिक हितों से भी अच्छी तरह परिचित थे। गानों और गीतों में उनकी वीरता का वर्णन मिलता है, जिससे उनका बलिदान यादगार और प्रेरणादायक बना हुआ है।
देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार
छत्तीसगढ़ सरकार के संस्कृति विभाग ने छत्तीसगढ़ी लोक कला को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों या संस्थाओं को सम्मानित करने के लिए “देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार” देने का निर्णय लिया है। यह पुरस्कार हर साल प्रदेश के प्रसिद्ध पंथी नर्तक स्व. श्री देवदास बंजारे की स्मृति में दिया जाता है। इस पुरस्कार के तहत छत्तीसगढ़ की लोक शैली पर आधारित कला में विशेष योगदान देने वाले व्यक्ति या संस्था को 50,000 रुपये की नगद राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
ठाकुर प्यारेलाल सिंह सम्मान
ठाकुर प्यारेलाल छत्तीसगढ़ में श्रमिक आंदोलन और सहकारिता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। उनका जन्म 21 दिसंबर 1891 को राजनांदगांव जिले के दैहान गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम दीनदयाल सिंह और माता का नाम नर्मदा देवी था। 1906 में बंगाल के क्रांतिकारियों से प्रेरित होकर उन्होंने क्रांतिकारी साहित्य का प्रचार शुरू किया और विद्यार्थियों को संगठित कर जुलूस में वंदेमातरम् का नारा लगवाया। 1909 में उन्होंने सरस्वती पुस्तकालय की स्थापना की। 1952 में रायपुर से विधानसभा के लिए चुने गए और विरोधी दल के नेता बने। 20 अक्टूबर 1954 को भूटान यात्रा के दौरान उनकी अस्वस्थता के कारण मृत्यु हो गई।
लाला जगदलपुरी
लाला जगदलपुरी (जन्म 17 दिसंबर 1920) एक हिन्दी साहित्यकार और बस्तर के निवासी हैं। वे छत्तीसगढ़ी कविताओं के प्रमुख कवि माने जाते हैं। उनकी रचनाओं में हल्बी बोली का प्रयोग और श्रृंगार रस की प्रधानता है, जिसमें नायिकाओं का आकर्षक और मादक चित्रण मिलता है, जो छत्तीसगढ़ी श्रृंगार साहित्य में अनोखा है। वे मूल रूप से हिन्दी के कवि हैं, लेकिन उन्होंने छत्तीसगढ़ी और बस्तर की हल्बी-भतरी लोक भाषाओं में भी अच्छा सृजन किया है। उनकी ‘हल्बी लोककथाएं’ के कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। बाल साहित्य लेखन में भी उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय रहा है।
महाराज प्रवीरचन्द्र भंजदेव सम्मान
बस्तर की आत्मबलिदानी विभूतियों में महाराज प्रवीरचन्द्र भंजदेव का नाम उज्ज्वल है। उनका जन्म 25 जून 1929 को दार्जिलिंग में हुआ था। उनकी माता का नाम प्रफुल्लकुमारी देवी और पिता का नाम प्रफुल्लचन्द्र भंजदेव था। प्रवीरचन्द्र भंजदेव का मुख्य उद्देश्य बस्तर के सरल और सीधे आदिवासियों का उत्थान था। वे सत्ता की ओर कभी आकर्षित नहीं हुए, लेकिन हमेशा आदिवासी मांझी-मुखिया और महिलाओं को लोकतंत्र में भाग लेने के लिए प्रेरित करते रहे। सामाजिक अन्याय और जीवन मूल्यों के दमन का विरोध करते हुए, उन्होंने 25 मार्च 1966 को वीरगति प्राप्त की।
पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान
पंडित सुंदरलाल शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और छत्तीसगढ़ में जन जागरण और सामाजिक क्रांति के अग्रदूत माने जाते हैं। उनका जन्म 21 दिसंबर 1881 को राजिम के पास चंद्रसूर गांव में हुआ था। उनकी पढ़ाई प्राथमिक स्तर तक ही हुई, लेकिन घर पर स्वाध्याय से उन्होंने संस्कृत, बांगला और उड़िया भाषाएं सीख लीं। उन्होंने हिंदी और छत्तीसगढ़ी में लगभग 18 ग्रंथ लिखे, जिनमें “छत्तीसगढ़ी दान-लीला” विशेष रूप से प्रसिद्ध है। 1920 में उन्होंने कंडेल नहर सत्याग्रह का सफल नेतृत्व किया। 28 दिसंबर 1940 को उनका निधन हो गया।
पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान
पंडित रविशंकर शुक्ल का जन्म 2 अगस्त 1877 को सागर में हुआ था। उनकी शिक्षा सागर और रायपुर में हुई। 1921 में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली और 1935 में “महाकोशल” नामक साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन शुरू किया। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व उन्होंने किया। स्वतंत्रता से पहले 1946 में वे मध्यप्रांत के मुख्यमंत्री बने, और बाद में अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। वे छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास के समर्थक थे। 31 दिसंबर 1956 को इस कर्मठ राजनेता, महान शिक्षाविद और दूरदर्शी नेता का निधन हुआ।
किशोर साहू सम्मान
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 22 नवंबर 1915 को जन्मे किशोर साहू भारतीय सिनेमा के बहुमुखी प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। वे एक प्रसिद्ध कथा लेखक, अभिनेता, निर्माता और निर्देशक थे। उन्होंने 22 फिल्मों में अभिनय किया और 20 फिल्मों का सफल निर्देशन किया। उनकी फिल्म “मयूर पंख” का चयन प्रतिष्ठित कान फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ। 1948 में बनी “नदिया के पार” में उन्होंने दिलीप कुमार और कामिनी कौशल के साथ छत्तीसगढ़ी वेशभूषा, संवाद और गीतों को प्रस्तुत कर एक नई शुरुआत की। उनकी फिल्म “सिंदूर” को सिम्पा द्वारा बेस्ट फिल्म और बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार मिला।